Friday, 13 October 2017

क्या आप जानते हैं मुख्य तथ्य

क्या आप जानते हैं

दुनिया का सबसे पुराना वृक्ष: क्या आप दुनिया के सबसे पुराने वृक्ष की उम्र का अंदाजा लगा सकता है यह कोई 100 या 200 साल पुराना नही बल्कि 9,500 साल पुराना है। स्वीडन में उगे “ओल्ड तजिक्को” नाम के इस वृक्ष की उम्र लगभग साढ़े नौ हजार वर्ष है। इस वृक्ष को भूविज्ञानी कुल्लमन द्वारा खोजा गया है।

 

कोकरोच डायनासौर से पहले पृथ्वी पर जन्में थे: कोकरोच जो कि हम आम तौर पर अपने घरों में देखते हैं इनका इतिहास मनुष्य ही नहीं बल्कि डायनासौर से भी पुराना है माना जाता है कि कोकरोच डायनासौर से लगभग 12 करोड़ वर्ष पूर्व पृथ्वी पर जन्में थे ये वर्ष कितने अधिक हैं इस बात का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि मनुष्य का सम्पूर्ण ज्ञात इतिहास मात्र कुछ लाख वर्ष का ही है।

 

दुनिया के हर 100 में 2 लोगों की आँखे हरी हैं: हो सकता है आपने कभी किसी व्यक्ति की आँखे हरी देखी होंगी यद्दपि ज्यादातर ये काली या भूरी होती हैं लेकिन विश्व की जनसँख्या में यदि प्रतिशत निकाला जाए तो दुनिया के 2 प्रतिशत लोग हरी आँखों के साथ जन्म लेते हैं।

 

कैंडी क्रश का पागलपन: कैंडी क्रश नामक गेम आपने खेली हो या ना खेली हो लेकिन आपने इसका नाम अवश्य सूना होगा। फेसबुक पर इस गेम के आने वाले निवेदन से लगभग सभी फेसबुक उपयोगकर्ता परेशान रहते हैं लेकिन आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि वर्तमान में कैंडी क्रश खेलने वाले लोगों  की संख्या कनाडा की कुल जनसँख्या से भी ज्यादा है।

 

चीता की रफ़्तार: चीता के बारे में रोचक यह है कि वह रफ़्तार बहुत तेजी से पकड़ता है यदि वह खड़ा है तो उसकी रफ़्तार शून्य है लेकिन मात्र तीन सेकंड के समय में चीता 60 मील प्रति घंटे की रफ़्तार पकड़ सकता है। औसत वाहन चीते से तेज दौड़ सकते हैं लेकिन उन्हें यह रफ्तार पकड़ने में चीते से ज्यादा समय लगेगा।

 

आपके सिर में बालों की संख्या: आमतौर पर कहावतें बनाई जाती हैं कि सिर के बाल तथा अन्तरिक्ष में तारों को गिनना नामुमकिन है लेकिन ऐसा नही है तारों को गिनना भले ही नामुमकिन हो बालों को गिनना मुमकिन है यदि आप झड़ रहे बालों की समस्या से परेशान नही हैं तो आपके सिर में करीब 85,000 से लेकर 1,50,000 बाल हैं यदि आपको संदेह हैं तो बेशक आप इन्हें गिन सकते हैं।

 

एक मात्र स्तनपायी जो कूद नही सकता: आपने लगभग प्रत्येक जानवर को कूदते हुए देखा होगा लेकिन क्या कभी आपने हाथी को कूदते हुए देखा है? नही ना... आपको शायद जानकर हैरानी हो कि पृथ्वी पर पाए जाने वाले स्तनपायी जीवों में हाथी ही एक ऐसा स्तनपायी जो कूद नही सकता। अपनी मस्तिष्क की जिज्ञासा शांत करने हेतु आप स्वयं जाकर देख सकते हैं।

 

पृथ्वी में छेद कर आर-पार निकलना: यद्दपि वास्तव में यह सम्भव नही है परन्तु यदि आप पृथ्वी के आर-पार छेद कर सकने में सक्षम हो जाते हैं तब एक तरफ से अन्दर जाकर गुरुत्वाकर्षण बल की गति से चलकर दूसरी तरफ निकलने में आपको 42 मिनट (लगभग पौने घंटे) का समय लगेगा और सम्भव है कि आपको ऑक्सीजन लेकर या यात्रा करणी पड़े।

 

महेंद्र सिंह धोनी क्रिकेटर बनने से पूर्व फुटबॉल गोलकीपर थे: आज के समय में भारतीय क्रिकेट के महत्वपूर्ण व सफल कप्तान के रूप में पहचान बनाने वाले महेंद्र सिंह धोनी वास्तव में फुटबॉल गोलकीपर थे फुटबॉल के कोच ने उन्हें क्रिकेट में भेजा उसके बाद धोनी अपनी ही विकेट-कीपिंग से वे प्रभावित हो गए तथा उनके सफल क्रिकेट करियर की शुरुआत हुई।

 

महिलाओं द्वारा कपड़ों का चयन करने में लगने वाला समय: महिलाएं कपड़ों के चयन में बहुत अधिक सोच विचार करती हैं। शोध के अनुसार ये सामने आया कि औसत महिलाएं अपने बेशकीमती जीवन का एक वर्ष मात्र अपने कपड़ों का चयन करने में गुज़ार देती हैं। इसके उल्ट अपने जीवन का लगभग इतना ही बेशकीमती समय पुरुष उन्हें घूरने में बिता देते हैं।

 

प्रत्येक दिन औसतन 12 नव-बच्चे किसी और माँ-बाप को सौंप दिए जाते हैं: जब किसी अस्पताल में बच्चे का जन्म होता है तब बच्चे को एक निश्चित चिकित्सा क्रिया से गुजरना पड़ता है तत्पश्चात बच्चे को माँ-बाप को सौंपा जाता है कभी कभी इस चिकित्सा क्रिया में बच्चे बदल जाते हैं क्योंकि अस्पताल में एक ही समय में एक से ज्यादा बच्चों का जन्म होता है। माँ बाप भी बच्चे को स्वीकार कर लेते हैं क्योंकि उन्हें पता ही नही होता कि उनका बच्चा कैसा दिखाई देता है। इसी उलझन में यह पाया गया कि विश्व में प्रत्येक दिन लगभग 12 बच्चे दुसरे माँ-बाप को दे दिए जाते हैं। यह गलती ना हो इसके लिए बहुत से आधुनिक तरीके अपनाए जाने लगे हैं जैसे: बच्चे के हाथ में माता-पिता के नाम की एक चिट लटकाना।

 

हाथों के नाखून; पैरों के नाखूनों की अपेक्षा अधिक तेजी से बढ़ते हैं: क्या अपने यह कभी महसूस किया है कि आप हाथों के नाखून हर हफ्ते काटते होंगे जबकि पैरों के नाखून एक हफ्ते में काटने लायक नही बढ़ते वास्तव में यह एक वैज्ञानिक तथ्य है कि हाथों के नाखून पैरों के नाखूनों की अपेक्षा चार गुना अधिक तेजी से बढ़ते हैं।

 

घड़ी विज्ञापनों में 10 बजकर दस मिनट का समय: यदि आपने कभी गौर किया होगा तो आप देखेंगे कि जब भी कभी घड़ी का विज्ञापन आता है तब घड़ी का समय 10 बजकर 10 मिनट ही दिखाया जाता है। इसके पीछे का कारण यह है कि घड़ी के बीच में निर्माता का नाम छपा होता है तथा 10:10 का समय एक हँसता हुआ काल्पनिक चेहरा बनाता है। इसमें विज्ञापनकर्ताओं का मत है कि 10:10 के समय में लोगों को घड़ी निर्माता हँसता हुआ दिखाई देता है।

 

जींस पेंट में छोटी जेब होने का कारण: आप जींस पेंट पहनते होंगे या कभी आपने जींस पेंट देखी होगी तो आपने ये ध्यान अवश्य दिया होगा कि पेंट में जेब के ऊपर एक छोटी सी जेब होती है जो अमूमन दायीं तरफ (या दोनों तरफ) होती है। इसका कोई काम नही होता फिर भी यह प्रत्येक जींस में लगाई जाती है। कुछ लोग इसे फैशन का कारण मानते हैं लेकिन ऐसा नही है वास्तव में यह जेब घड़ी डालने के लिए बनाई गई है। क्योंकि जब जींस बनी थी तब हाथ पर बाँधने वाली घड़ी को जेब में डालने का प्रचलन था इसीलिए घड़ी के लिए एक विशेष जेब का प्रबंध किया गया जो आज भी जारी हैं हालाँकि अब इसका इस्तेमाल नही होता क्योंकि घड़ियों का स्थान मोबाइल ने ले लिया है।

 

पुरुष महिला की शर्ट (कमीज) में अंतर: पुरुषों तथा महिलाओं के लिए बनाई गई शर्ट लगभग एक जैसी होती है एक नज़र में इनमें किसी भी प्रकार का अंतर समझ पाना असंभव प्रतीत होता है लेकिन ऐसा नही है। यदि आप गौर से देखेंगे तो पाएंगे कि पुरुषों की शर्ट के बटन दायीं तरफ होते हैं जबकि महिलाओं की शर्ट के बटन बायीं तरफ होते हैं इसके पीछे कोई विशेष वैज्ञानिक तथ्य नही है परन्तु माना जाता है कि इसका कारण है महिलाओं को नौकरानियों द्वारा तैयार करने की परम्परा जो प्राचीन समय में प्रचलित थी जिसमें दासियों के हाथ की तरफ से बटन सीधे पड़ते थे जबकि पुरुष स्वयं तैयार होते थे तथा स्वयं अपने बटन बंद करते थे। हालाँकि इस प्रकार के बहुत से कारण प्रचलित हैं परन्तु वास्तव में यह सिर्फ एक पहचान देने के लिए किया गया अंतर माना जाता है।

 

लेफ्ट-राईट हैंडेड लोगों से सबंधित कुछ तथ्य: सिर्फ मनुष्य ही नही बल्कि कुत्ते और बिल्ली जैसे जानवर भी दायें या बायें हाथ से कार्य करते हैं जैसे: शरीर को खुजलाना। माना जाता है कि दायें हाथ से काम करने वाले व्यक्ति बायें हाथ से काम करने वालों की अपेक्षा लगभग 9 साल ज्यादा जीते हैं तथा इस दुनिया में 100 में से 10 व्यक्ति बायें हाथ से कार्य करते हैं। शोध के अनुसार औसत लेफ्ट हैंडेड लोगों की बुद्धि अधिक तीव्र होती है इसके अतिरिक्त शोध बताते हैं निजी लड़ाई के चलते अधिकतर लेफ्ट हैंडेड लोग उन हथियारों से चोटिल हो जाते हैं जो राईट हैंडेड लोगों के लिए बनाए गए होते हैं।

 

इन्टरनेट की विशालता: आज के समय में इन्टरनेट इतना विशाल हो चुका है कि यदि आप इन्टरनेट पर उपस्थति प्रत्येक वेबसाइट को मात्र एक मिनट ब्राउज करेंगे तो विश्व की सभी वेबसाइट को खंगालने में आपका ये जीवन प्रयाप्त नही होगा और ना ही इससे अगला जीवन क्योंकि यह कार्य पूर्ण करने के लिए आपको 31 हज़ार वर्ष लगेंगे और ये वर्ष दिन ब दिन बढ़ते ही जा रहे हैं क्योंकि हर रोज़ लाखो की संख्या में वेबसाइट रजिस्टर की जाती हैं। इसके बावजूद यदि कोई व्यक्ति सभी वेबसाइट के सभी पन्ने खंगालने का बीड़ा उठाए तो इसके लिए उसे छ: करोड़ दशक का समय लगेगा। सरल शब्दों में इन्टनेट ज्ञान का एक विशाल सागर बन चुका है और यह पृष्ठ जिसे आप पढ़ रहें हैं उसी सागर की एक बूँद है।

 

मनुष्य के मस्तिष्क की विशालता: मनुष्य का मस्तिष्क कोई सामान्य वस्तु नही है आप इन्टरनेट पर मुफ्त में जानकारी देने वाले विकिपीडिया के बारे में तो जानते ही होंगे विकिपीडिया पर आज लगभग प्रत्येक जानकारी अलग अलग भाषाओँ में मौजूद है आप अपने दिमाग की क्षमता का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि विकिपीडिया पर उपलब्ध जानकारी से पाँच गुना अधिक जानकारी संजोने की क्षमता आपके मस्तिष्क में है।

 

मरने के पश्चात आपके शरीर में पनप रहा जीवन: जब मनुष्य की मृत्यु हो जाती है तत्पश्चात भी वह एंजाइम जिन्होंने मनुष्य द्वारा खाया गया भोजन पचाया था जीवित रहते हैं तथा जब व्यक्ति को मरे 3 दिन हो जातें है तब ये एंजाइम स्वयं के जीवन हेतु मनुष्य के शरीर को ही खाना शुरू कर देते हैं।

 

हम शाम के मुकाबले सुबह लगभग 1 सेंटी मीटर अधिक लम्बे होते हैं: हमारा शरीर हड्डियों से बना है जो एक दुसरे के ऊपर टिक्की हुई हैं तथा इसके आलावा ये एक दुसरे के बीच में इतना फ़ासला बनाए रखती हैं ताकि हिलते हुए पहली हड्डी का प्रभाव दूसरी हड्डी पर ना आए। सारा दिन चलने से व भार उठाने से हड्डियाँ एक दुसरे से सटना शुरू कर देती हैं जो कि एक नगण्य सा अंतर होता है परन्तु सभी हड्डियों को मिलाकर यह अन्तर लगभग 1 सेंटीमीटर के लगभग हो जाता है। इसीलिए सुबह की अपेक्षा शाम को व्यक्ति की लम्बाई लगभग एक सेंटीमीटर कम हो जाती है। तत्पश्चात रात भर सोने व सुबह अंगडाई लेने से हड्डियाँ पुन: अपनी सामान्य अवस्था में आ जाती हैं।

 

तारे वास्तव में वहाँ है ही नही जहाँ ये हमें दिखाई देते हैं: रात में हम तारों को देखते हैं तथा बचपन से देखते आ रहे हैं इनकी अवस्था पर हमें विशवास कर लिया है परन्तु वास्तव में तारे उस स्थान पर होते ही नही जहाँ ये हमें दिखाई देते हैं ये तो वह आभासी प्रकाश है जो हज़ारों वर्ष पूर्व उस तारे ने छोड़ा था तथा आज हमारी आँखों की रेटिना तक पहुँच पाया है। समझने के लिए उदाहरण लीजिए: मान लीजिए एक तारा हमसे 50 प्रकाश वर्ष दूर है तथा भारत की आजादी के वर्ष 1947 को उसमें एक भयंकर विस्फोट हुआ तथा चमक उत्पन्न हुई अब इस चमक से उत्पन्न प्रकाश ने 1947 में तारे के पास से चलना शुरू किया तो लगभग पचास वर्ष पश्चात् यह चमक हमें वर्ष 1997 में दिखाई देगी।

 

पृथ्वी का वायुमंडल जिसमें हम रहते हैं उसका विस्तार: पृथ्वी के गुरुवाकर्षण बल के कारण ही पृथ्वी के साथ इसका वायुमंडल जैसे कि हवा, गैसें, बादल इत्यादि जुड़े हुए हैं लेकिन आपको ये जानकार हैरानी होगी कि यदि हम पृथ्वी को एक सेब मान ले तो पृथ्वी के वायुमंडल का विस्तार मात्र उसके छिलके की मोटाई के समान होगा। इसका सीधा सा मतलब यह हुआ कि सेब जैसी पृथ्वी पर मनुष्य जैसे जीव को देखने के लिए अत्यधिक शक्तिशाली माइक्रोस्कोप की आवश्यकता पड़ेगी। और तब भी आप भाग्यशाली ही होंगे यदि आपने मनुष्य को देख लिया।

 

दुनिया की पहली फोटो लेने में लगा था 8 घंटे का समय: दुनिया का जो सबसे पहला कैमरा था उससे यदि आपको अपनी फोटो खिंचवानी थी तो आपको 8 घंटे उसके सामने बैठना पड़ता। यद्दपि यह नामुमकिन जैसा लगता है क्योंकि एक व्यक्ति आठ घंटे तक एक ही मुद्रा में नही बैठे सकता इसीलिए दुनिया की पहली फोटो गर्मियों के मौसम में बिल्डिंग्स तथा आसमान की खिंची गई थी यह इतनी साफ़ नही थी लेकिन प्रथम बार 1826 में फ्रांस के जोसफ नेइप्स द्वारा खिंची गई इस फोटो को खिंच कर जोसफ को जादू जैसा महसूस हुआ कि कैसे सामने का एक नज़ारा बिना किसी कलम कागज़ के हू ब हू पृष्ठ पर उतारा जा सकता है। वर्तमान में यही समय घटकर बहुत ही कम रह गया है क्योंकि आज आप एक सेकंड में 20 हज़ार के करीब फोटो खींच सकते हैं।

 

उँगलियों के निशान: आप ये तो जानते ही होंगे कि हर इंसान की उँगलियों के निशान अलग अलग होते हैं यहाँ तक कि यदि दो जुड़वाँ भाई हैं जिनकी शक्ल एक दुसरे से शत प्रतिशत मिलती है की उँगलियों के निशान भी अलग अलग होते हैं। मनुष्य की उँगलियों के साथ साथ मनुष्य की जीभ के निशान भी अद्वितीय होते हैं ऐसे ही जानवरों में भी होता है कुत्ते के नाक पर बने निशान भी किसी अन्य से नही मिलते। मनुष्य की उँगलियों के निशान मिटाना असंभव होता है हो सकता है कि आप कोई ऐसा काम कर रहे हो जिसमें आपके हाथ घिसावट करते हैं जैसे कि बर्तन साफ़ करना इत्यादि में आपकी उँगलियों के निशान कुछ समय के लिए मिट सकते हैं लेकिन जब आप यह काम छोड़ेंगे ये पुन: उभर कर आपकी उँगलियों पर आ जाएंगे। ये निशान इंसान का पीछा कभी नही छोड़ते यदि कोई अपराधी तेज़ाब या जलाकर भी इन्हें मिटाना चाहे तब भी कुछ दिनों बाद ये पुन: उभर आते हैं।

 

शहद हजारों साल बाद भी खराब नही होता: शहद जो कि मधुमक्खी द्वारा पचाया गया व एकत्रित किया गया उनका अपना भोजन होता है इंसान के लिए कई मायनों में फायदेमंद होता है तथा महंगा भी। इसीलिए ग्रामीण क्षेत्रों में मधुमक्खी पालन आमदनी का एक स्त्रोत है। पर क्या आप जानते हैं कि हज़ारों वर्ष पश्चात भी शहद खराब नही होता यह तथ्य उस समय सच साबित हो गया जब इजिप्ट के पिरामिडों में एक बादशाह (फैरो) की कब्र से शहद निकला जो कि हजारों साल पुराना था जब यह शहद खोजी वैज्ञानिको द्वारा चखा गया तो उन्होंने पाया कि इसके स्वाद में किसी भी तरह का कोई अन्तर नही था यद्दपि वर्षो तक पड़ा रहने के कारण यह ठोस हो गया था तथा इसे गर्म करने की आवश्यकता थी।

 

पेन्सिल की लिखने की क्षमता: आप जो पेन्सिल प्रयोग करते हैं उनमें से औसतन की लम्बाई एक समान होती है तथा बीच में एक लैड होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यदि आप पेन्सिल से एक विशाल कागज़ पर सीधी रेखा खींचेंगे तो इसकी लम्बाई लगभग 35 किलो मीटर होगी जो कि भारत के कुछ जिलों के मध्य बीच दूरी के समान है। इसके अतिरिक्त यदि अंग्रेजी के शब्दों में इसे गिना जाए तो लगभग 50 हजार अंग्रेजी शब्द लिख पाने की क्षमता आपकी पेन्सिल की लैड में होती है।

 

तित्ल्लियाँ अपने पैरों से स्वाद चखती हैं: तितलियों को अपने भोजन या फूल इत्यादि के रस का स्वाद महसूस करने के लिए सिर्फ उस पर खड़ा होना होता है क्योंकि उनकी स्वाद महसूस करने क्षमता उनके पैरों में होती है यही कारण है कि जब आप ध्यान से देखेंगे तो पाएंगे कि अक्सर तितलियाँ फूलों पर बैठती हैं तथा उड़ जाती है फिर अन्य फूल बैठती हैं तथा उड़ जाती है जब तक कि उन्हें अपनी चाह के अनुसार फूल नही मिल जाता दरअसल वे अलग अलग फूलों पर खड़ी होकर उनका स्वाद देखती हैं। जब उन्हें किसी फूल का स्वाद पसंद आता है तभी वे उसका रस चूसती हैं। इसी प्रकार ये अन्य भोजन के साथ करती हैं।

 

अल्बर्ट आइंस्टीन के अंतिम शब्द: किसी भी बुद्धिजीवी के जीवन के अंतिम शब्द सदैव प्रेरणा का स्त्रोत बनते रहे हैं इसी तरह अल्बर्ट आइंस्टीन ने भी मरने से पूर्व कुछ अंतिम शब्द कहे थे परन्तु दुर्भाग्य से किसी ने भी उनके वे शब्द नही सुने सिवाय एक नर्स के जो उनके अंतिम समय में उनके पास खड़ी थी और दुर्भाग्य की बात ये थी कि उस नर्स को जर्मन नही आती थी जिस कारण उनके वे अंतिम शब्द राज़ बन गए।

 

हंस का प्रेम में प्राण देना: हंस जो कि सफेद रंग का एक पक्षी होता है तथा विवेक और शांत स्वभाव का प्रतीक है भी मनुष्य की भांति अपने प्रेमी की मृत्यु से दुखी होता है। कोई भी हंस अपने जीवन में दूसरा जोड़ा नही बनाता ये ही कारण है कि हंस के जोड़े में से किसी एक के मर जाने के पश्चात दूसरा साथी भी दुःख में अपने प्राण त्याग देता है।

 

सोने तथा याददास्त में सबंध: सारा दिन काम करते रहना, कुछ ना कुछ पढ़ते रहना या कोई जानकारी हासिल करते रहना ही तेज मस्तिष्क का आधार नही है बल्कि इसके लिए आपको अपने दिमाग को आराम देना होगा। विभिन्न प्रकार के शोध बताते हैं कि जब हम निन्द्राव्स्था में होते हैं तभी हमारा मस्तिष्क ज्ञान को हमारे मस्तिष्क में संजोने का काम करता है तथा यदि हम कुछ पढने के बाद कुछ मिनट का आराम करें या नींद ले सकें तो हम किसी भी जानकारी अधिक स्पष्टता से याद रख सकते हैं व जरूरत करने पर इस्तेमाल कर सकते हैं। इतना ही नही सोना व्यक्ति की रचनात्मकता (क्रिएटिविटी) को भी बढ़ाता है।

 

बच्चे/ व्यस्क व्यक्ति दोनों की हड्डियों की संख्या में अंतर: मनुष्य के जन्म के समय शरीर में 270 हड्डियाँ होती हैं जो व्यक्ति के व्यस्क होते होते घटकर 206 रह जाती हैं। वास्तव में शरीर से किसी प्रकार की हड्डी समाप्त नही होती बल्कि कुछ हडियाँ आपस में जुड़ जाती हैं ये ही कारण है कि व्यस्क व्यक्ति की अपेक्षा एक शिशु का शरीर अधिक लचीला होता है।

 

मच्छर द्वारा चूसा गया रक्त: जब कोई मादा मच्छर रक्त चूसती है तो इसकी अधिक से अधिक मात्रा उसके अपने शरीर के भार से लगभग डेढ़ गुना अधिक हो सकती है। अर्थात मच्छर द्वारा चूसे गए खून का भार मिलाकर मच्छर का भार पहले से ढ़ाई गुना बढ़ जाता है ये ही कारण है कि रक्त चूसने के बाद इसे तीव्रता से उड़ने में परेशानी होती है इसी कारण रक्त चूस चुके मच्छर को आसानी से मारा जा सकता है।

 

इन्सान के मरने पर सबसे पहले व सबसे बाद में नष्ट होने वाली ज्ञानेन्द्रियाँ:मनुष्य की मृत्यु होते ही उसकी सभी ज्ञानेन्द्रियाँ एक साथ नष्ट नही होती बल्कि सभी के नष्ट होने में कुछ समय लगता है। सर्वप्रथम मनुष्य की दृष्टि व छूअन को महसूस करने की क्षमता नष्ट होती है अर्थात मरने की क्रिया में शरीर के सून पड़ने जैसी स्थिति होती है तथा कुछ भी दिखाई नही देता। इन सब के विपरीत सुनने की क्षमता सबसे अंत में नष्ट होती है इसी कारण मृत्यु के बाद भी कुछ समय तक मनुष्य को सुनाई देता है।

विद्यालय की बसों का रंग पीला होने का कारण: आपने देखा होगा कि विद्यालय की बसों का रंग ज्यादातर पीला होता है यद्दपि ज्यादातर बुद्धिजीवियों को इसका कारण पता होगा लेकिन फिर भी आपको बता दें कि मनुष्य का मस्तिष्क पीले रंग के प्रति अधिक संवेदनशील होता है तथा छोटे बच्चे जो कि ध्यान केन्द्रित कर पाने में इतने सक्षम नही होते के लिए बसों का रंग पीला होता है ताकि बच्चों का मस्तिष्क उनका ध्यान बस की ओर केन्द्रित करने में सहायता कर सके।

 

बिल गेट्स की दौलत: दुनिया के सबसे अमीर लोगों में शुमार माइक्रोसॉफ्ट के मालिक व संस्थापक बिल गेट्स के पास इतनी दौलत है कि अगर वे रोजाना 10 लाख रूपये भी खर्च करें तो अपनी सारी दौलत को लुटाने के लिए उन्हें 218 वर्ष लगेंगे। जो कि उनके इस जीवन में संभव नही है। यद्दपि यह एक पैमाना मात्र है तथा व्यापार में उठा-पटक के चलते यह सम्पति कम या ज्यादा होती रहती हैं।

 

उत्तरी कोरिया के 28 हेयर कट: उत्तरी कोरिया के लोगों को 28 हेयर कट के अतिरिक्त किसी भी अन्य तरह का हेयर कट रखने की छूट नही है। वहाँ के लोगों को सरकार द्वारा मंजूर किए गए 28 हेयर कट में से किसी एक को ही चुनना होता है।

 

प्रकाश की गति: आपसे यदि प्रश्न किया जाए तो कि प्रकाश की गति क्या है तब आप इसका सीधा सा उत्तर 3 लाख किलोमीटर/ सेकंड देंगे यदपि यह सही के लगभग है परन्तु सटीक नही है। वास्तव में प्रकाश की गति 2,99,792 होती है अर्थात 3 लाख से 208 किलोमीटर/सेकंड कम। तथा 208 किलोमीटर/सेकंड की रफ़्तार जिसे हम नज़रअंदाज़ कर देते हैं वह कुछ ही पलों में हमें संसार के किसी भी कोने तक पहुंचा सकने में सक्षम होती है।

 

एक कुत्ते के पीछे दो देशों का युद्ध: वर्ष 1925 में एक अजीब घटना घटित हुई जब ग्रीस देश का एक आवारा कुत्ता भटकते-भटकते बुल्गारिया का बॉर्डर पार कर गया। इस घटना को “आवारा कुत्ते के कारण हुआ युद्ध” करार भी दिया जाता है। दरअसल इस कुत्ते के पीछे ग्रीस देश का एक सैनिक दौड़ा व बुल्गारिया की सीमा पार कर गया तथा बुल्गारिया के सैनिक जो कि सीमा पर तैनात थे; ने ग्रीस के उस सैनिक पर गोली चला दी। सैनिक की मृत्यु के बाद दोनों देशों में तनाव की स्थति उत्पन्न हो गई जो युद्ध का कारण बनी।

 

माचिस से पूर्व हुई थी सिगरेट लाइटर की खोज: माचिस की खोज से पूर्व ही सिगरेट लाइटर की खोज हो चुकी थी ये बात थोड़ी अजीब लग सकती है परन्तु यदि मनुष्य अपने इतिहास का ओर झांक कर देखे तो पता चलता है कि पत्थरों को रगड़ कर आग जलाना इंसान ने सबसे पहले सीखा था। यहीं से लाइटर का उपाय आया अंतर सिर्फ ये था कि पत्थरों से आग जलाते समय मनुष्य सूखी घास इत्यादि को इंधन के रूप में प्रयोग करता था जबकि लाइटर में ठोस इंधन की जगह द्रव इंधन ने ले ली थी इसी कारण लाइटर बनाना माचिस बनाने से ज्यादा सरल था क्योंकि वह क्रिया पहले से ही सीखी जा चुकी थी जिसका बाद में विकास कर ओर सरल बनाया गया। माचिस के विकास के पश्चात महसूस किया गया कि लाइटर की अपेक्षा माचिस से आग जलाना सस्ता व सरल था इसी कारण यह लोकप्रिय हो गया।

 

छीकने के वैज्ञानिक तथ्य: छीकना एक आम सी क्रिया लगती है परन्तु इससे सबंधित बहुत से ऐसे तथ्य है जो आपको अचंभित कर देंगे सर्वप्रथम छीकने के बाद ईश्वर का नाम लेना जिसकी आज आपको आदत पड़ चुकी है; के पीछे का वैज्ञानिक तथ्य यह है कि छीकते समय आपके दिल की धड़कन एक मिली सेकंड के लिए रूक जाती है तथा फिर से स्वचालित होती है मान्यता है कि इसे एक पूर्ण जन्म के रूप में देखा जाता है। भारतीय समाज में अंधविश्वास घर कर चुके हैं हालाँकि अब आधुनिक समय में अंधविश्वासों का स्तर गिर रहा है परन्तु आज भी बहुत से गाँवों में आप देखेगे कि यदि किसी ने छीक दिया तो कुछ क्षणों तक कोई नया कार्य शुरू नहीं किया जाता क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है। यह अंधविश्वास उपरोक्त लिखित वैज्ञानिक तथ्य का ही एक दुष्प्रभाव है जो कि लोगों द्वारा गलत तरीके से लिया गया है। कुछ अन्य वैज्ञानिक तथ्यों के अनुसार यदि आप छींकते समय अपनी आँखे खुली रखने की कोशिश करेंगे तो आपकी आँख का आईबॉल (डेला) तिड़क सकता है इसीलिए छीकते हुए किसी भी प्रकार की असहज कोशिश नही करनी चाहिए क्योंकि छीकते समय वायु बड़ी ही तीव्र गति से बाहर आती है यदि आप इसे रोकने का प्रयत्न करेंगे या बहुत ही अधिक जोर से छीकेंगे तो हो सकता है आप अपनी पसली तुडवा बैठें।

 

No comments:

Post a Comment

Featured post

Current Affairs 27.9.17

राष्ट्रीय भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के मार्श ऑर्बिटर मिशन (MOM), ने मंगल ग्रह की कक्षा में इतने वर्ष पूरे कर लिए है -  तीन भार...