Friday, 22 September 2017

एटीएम के प्रकार

एटीएम के प्रकार

व्हाइट लेबल एटीएम

व्हाइट लेबल एटीएम वे एटीएम हैं जिनका स्वामित्व व संचालन उन गैर बैंकिंग संस्थाओं द्वारा किया जाता है जिन्हें कंपनी अधिनियम 1956 के तहत भारतीय रिजर्व बैंक की मंजूरी से शामिल किया गया है।

ब्राउन लेबल एटीएम

इन एटीएम का स्वामित्व और प्रबंधन सेवा प्रदाता द्वारा रखा जाता है जबकि बैंक जिसका ब्रांड एटीएम पर इस्तेमाल किया जाता है, नकदी प्रबंधन और नेटवर्क कनेक्टिविटी का ख्याल रखता है।

ऑनलाइन एटीएम

ये एटीएम हर समय बैंक के डेटाबेस से जुड़े होते हैं और ऑनलाइन लेनदेन वास्तविक समय पर प्रदान करते हैं।
धन निकासी सीमा और खाते में शेष राशि की लगातार बैंक द्वारा निगरानी की जाती हैं।

ऑफलाइन एटीएम

ये एटीएम बैंक के डाटाबेस से जुड़े नहीं होते हैं इसलिए इनकी एक पूर्वनिर्धारित निकासी सीमा होती है और आप उतनी राशि की निकासी कर सकते हैं चाहे आपके खाते में शेष राशि कितनी भी हो।
अगर आपके खाते में राशि शेष नहीं है, और आप एक 'ऑफ़लाइन एटीएम' में हो और शेष राशि से अधिक पैसे की निकासी करना चाहते हो तब भी उस समय आपको नकद मिल जाएगा और बाद में आपके खाते से वो राशि काट ली जायेगी। हालांकि बैंक अपने बैलेंस से अधिक निकासी के लिए कुछ जुर्माना भी चार्ज कर सकते हैं।

स्टेंड अलोन एटीएम

स्टेंड अलोन एटीएम किसी भी एटीएम के साथ नेटवर्क नहीं जुड़े होते हैं इसलिए उनके लेनदेन केवल एटीएम की शाखा और लिंक शाखाओं तक ही सीमित हैं।
स्टैंड-अलोन एटीएम के विपरीत नेटवर्क एटीएम होते हैं जो नेटवर्क से जुड़े होते है ।

ऑनसाइट एटीएम

ऑनसाइट एटीएम अपने बैंक की शाखा के बगल में होते हैं। वे उचित संदर्भ या आस पास में ही स्थापित होते हैं। ये एटीएम एक शाखा के परिसर के भीतर स्थापित होते हैं।

ऑफसाइट एटीएम

ऑफ साइट एटीएम कहीं भी लेकिन शाखा परिसर के भीतर स्थापित नहीं होते हैं। अर्थात शाखा के बगल में स्थापित नहीं होते हैं। ये शॉपिंग मॉल, शॉपिंग बाजारों, हवाई अड्डों, अस्पतालों, व्यापार क्षेत्रों आदि के बगल में स्थापित होते हैं।

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