ब्रिक्स देशों के पांच बैंको ने क्रेडिट लाइन के लिए समझौते किए
ब्रिक्स बैंक सहकारिता व्यवस्था के पांच बैंक राष्ट्रीय मुद्राओं में ऋण देने और क्रेडिट रेटिंग पर सहयोग देने पर सहमत हो गए हैं।
ब्रिक्स सम्मेलन से पहले इस आशय के समझौते पर चीन के ज़ियामेन शहर में हस्ताक्षर किए गए।
ब्राजीलियन डेवलपमेंट बैंक, विनेश-इकोनोम-बैंक, भारतीय आयात-निर्यात बैंक, चाइना डेवलपमेंट बैंक और डेवलपमेंट बैंक ऑफ साउथ अफ्रीका ने बीजिंग में इस पर हस्ताक्षर किए।
क्रेडिट रेटिंग पर समझौते से आंतरिक क्रेडिट रेटिंग और रेटिंग के आकलन के बारे में सूचना साझा करने में मदद मिल सकेगी।
ब्रिक्स सम्मेलन से पहले ब्रिक्स देशों के न्यू डेवलपमेंट बैंक- एन डी बी ने एक अरब 40 करोड़ अमरीकी डॉलर के ऋण भारत रूस और चीन में सतत विकास की परियोजनाओं के लिए मंजूर किए।
भारत के लिए एन डी बी ने 47 करोड़ डॉलर का ऋण मध्य प्रदेश की बहु-ग्राम ग्रामीण पेयजल आपूर्ति परियोजना के लिए दिया जा रहा है।
भारत, चीन ने संयुक्त रूप से व्यापार-विकृत कृषि सब्सिडी का विरोध किया
भारत और चीन ने संयुक्त रूप से विकसित देशों द्वारा दी जाने वाली कृषि सब्सिडी को व्यापार बिगाडऩे वाली सबसे सबसे खराब व्यवस्था बताते हुए विश्व व्यापार संगठन से इसे वापस लिए जाने की मांग की है।
भारत व चीन ने संयुक्त रूप से एक प्रस्ताव डब्ल्यूटीओ को सौंपा है जिसमें विकसित देशों द्वारा दी जा रही कृषि सब्सिडी को समाप्त करने का आह्वान किया गया है। इस प्रस्ताव में सब्सिडी को कृषि सब्सिडी का सबसे अधिक व्यापार ख़राब करने वाला रूप बताया गया है। डब्ल्यूटीओ की भाषा में इस प्रकार की सब्सिडी को 'एग्रीगेट मेजरमेंट आफ सपोर्ट (एएमएस)' या 'एंबर बाक्स' सब्सिडी कहा जाता है।
दोनों देशों का संयुक्त प्रस्ताव इसलिए महत्त्वपूर्ण है क्योंकि दिसंबर में ब्यूनस आयर्स में 11वां मंत्रिस्तरीय सम्मेलन होने जा रहा है।
संयुक्त पत्र में अमेरिका, यूरोपीय संघ और कनाडा सहित विकसित देशों का हवाला दिया गया है, जो अपने किसानों को कारोबार बिगाडऩे वाली सब्सिडी लगातार मुहैया करा रहे हैं, जो विकासशील देशों के लिए तय की गई सीमा की तुलना में बहुत ज्यादा है।
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